इरशा से मुक्ति (Book)
Jump to navigation
Jump to search
Description
Book Details | |
---|---|
Topic | Details |
Author/Creator | The Supreme Pontiff of Hinduism Jagatguru Mahasannidhanam His Divine Holiness Bhagavan Nithyananda Paramashivam |
Book Title | इरशा से मुक्ति |
Subtitle | |
Download at | https://drive.google.com/file/d/1A8TDd3VfL2SY1yGpTMXHY4dg1RUdBk6H/view?usp=sharing |
Edition | 1 |
ISBN | |
Language | Hindi |
Page Count | 133 |
Published By | Daimond Books |
Published Year | 2012 |
हम हमेशा दूसरों के साथ अपनी तुलना करते हैं, और अक्सर हम महसूस करते हैं कि दूसरों के पास जो कुछ है या जो उन्होंने हासिल किया है वह हमारे पास जितना है उससे कहीं अधिक है, और हम ईर्ष्या महसूस करने लगते हैं। जब हम दूसरों की श्रेष्ठता को सहन नहीं कर पाते तो हमें जलन होने लगती है। तुलना बीज है और ईर्ष्या फल है! इस पुस्तक में एसपीएच नित्यानंद परमशिवम हमें सिखाते हैं कि आप अद्वितीय हैं, यही संतोष प्राप्त करने का एकमात्र तरीका है।